यदि आप अपने कार्यस्थल या करियर पथ पर चाणक्य के मंत्रों को लागू करना चाहते हैं, तो यहां एक सरल दिनचर्या अपनाई जा सकती है:
कोई भी बड़ा कार्य या प्रोजेक्ट शुरू करने से पहले, 5 मिनट अपने आप से पूछें: मैं ऐसा क्यों कर रहा हूँ? लक्ष्य क्या है? संभावित परिणाम क्या होगा? यह गलत दिशा में किए गए प्रयास से बचाता है।
सीखने में नियमित रूप से निवेश करें – पाठ्यक्रम, पढ़ना, कौशल विकास – ज्ञान को एक दीर्घकालिक संपत्ति के रूप में मानें, न कि एक बार का कार्य।
अपनी महत्वाकांक्षी योजनाओं को तब तक निजी रखें जब तक आपके पास दिखाने के लिए कुछ ठोस न हो, इससे दबाव, ध्यान भटकाने या तोड़फोड़ से बचने में मदद मिलती है।
अपने काम को खुद बोलने दें – परिणाम, गुणवत्ता, निरंतरता, न कि पृष्ठभूमि या कनेक्शन – को अपने मूल्य को परिभाषित करने दें।
तनाव, प्रतिस्पर्धा, असफलताओं से निपटने के लिए मानसिक शक्ति और आत्म-नियंत्रण विकसित करें – विशेष रूप से अनुशासन, शांति, स्पष्टता।





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